लखनऊ
एलडीए अब अपने खाली जमीनों पर एलआईजी, एमआईजी तथा अन्य श्रेणी के मकान नहीं बनाएगा। इसकी जगह प्लॉट विकसित कर बेचेगा। प्राधिकरण ने इसका फैसला लिया है। इसी के तहत बसंत कुंज योजना में 400 मकानों के निर्माण का प्रस्ताव स्थगित कर दिया गया है। अब इसकी जमीन को भी एलडीए प्लॉट के रूप में बेचेगा। अन्य जगहों पर प्लॉट विकसित करने के लिए चार सदस्यीय कमेटी बना दी गई है।
एलडीए बसंत कुंज योजना में जो मकान बनाने जा रहा था उसकी कास्टिंग काफी ज्यादा आ रही थी। एलआईजी मकानों की कीमत करीब 30 लाख रुपए पहुंच रही थी। जबकि मकानों का क्षेत्रफल लगभग 800 वर्ग फुट ही था। कीमत ज्यादा आने से खरीदार मिलने की उम्मीद कम थी। वर्तमान स्थिति तथा पूर्व में बने मकानों की बिक्री की स्थिति को देखते हुए प्राधिकरण ने अब यहां भी मकान बनाने का प्रस्ताव स्थगित कर दिया है। इस संबंध में चार अगस्त को एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार ने आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने इन प्रस्तावित मकानों की जगह भूखंड सृजित करने को कहा है। क्योंकि भूखंड के खरीदार ज्यादा हैं।
एलडीए सचिव ने खाली जमीनों पर प्लॉट सृजित करने के संबंध में चार सदस्यीय कमेटी बना दी है। इस कमेटी में प्राधिकरण के मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह, मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल, प्रभारी अधिकारी अर्जन तथा संबंधित संपत्ति अधिकारी को रखा गया है। एलडीए को बसंत कुंज योजना में करीब 10 एकड़ जमीन और मिली है। यह जमीन वहीं पास में खाली पड़ी थी। इस पर कुछ विवाद चल रहा था। एलडीए अब इस जमीन को भी अपने कब्जे में लेने जा रहा है। प्राधिकरण सचिव ने बताया कि इस जमीन पर भी एलडीए प्लाट विकसित करेगा। फिर बेचेगा। एलडीए की विभिन्न योजनाओं में करीब 3000 फ्लैट भी खाली पड़े हैं। यह सभी पांच वर्ष से अधिक पुराने हो चुके हैं। एलडीए इन्हें बेच नहीं पा रहा हैक्योंकि ग्राहक ही नहीं मिल रहे हैं। इनकी कीमतें भी 2018 में 15% तक घटाई भी गई थीं।