अफसरों की गलती से टूटा ताइक्वाण्डो खिलाड़ियों का ओलंपिक खेलने का सपना

 लखनऊ 
 ताइक्वाण्डो फेडरेशन ऑफ इण्डिया के विवाद और कोरोना काल की अनिश्चितताओं के बीच भारतीय ताइक्वाण्डो खिलाड़ियों ने पहली बार ओलंपिक खेलने का सपना संजोया था। पर, कोरोना संक्रमण से उपजी परिस्थितियों ने इन खिलाड़ियों के सपनों पर ग्रहण लगा दिया है। भारतीय खेल प्राधिकरण ने घोषणा की थी कि वह टोक्यो ओलंपिक में भारतीय ताइक्वाण्डो दल भेजेगा। इसके लिए लखनऊ के साई सेंटर में कैम्प लगा। दो पैरा समेत आठ खिलाड़ियों का चयन 19 मई से जॉर्डन में शुरू हो रहे एशियाई क्वालीफायर में हिस्सा लेने के लिए चुना गया। यहीं से इन्हें टोक्यो ओलंपिक का टिकट मिलना है। पर भारत में कोरोना संक्रमण को देखते हुए जॉडर्न ने भारतीय खिलाड़ियों को सीधे आने से मना कर दिया गया।

गाइडलाइन के मुताबिक 14 दिन क्वारंटाइन रहना था। इस बीच भारतीय खेल प्राधिकरण के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर संजय सारस्वत ने बताया कि जॉर्डन ताइक्वाण्डो एसोसिएशन ने कहा था कि खिलाड़ियों की इंट्री नौ मई की दोपहर तक भेज दें। इसी के तहत हमने सात मई को ट्रायल कराए और आठ मई को ही इंट्री भेज दी थी।