अफगानिस्तान:अब कैसे होगा सरकार का गठन? मंथन करने काबुल पहुंचे तालिबान नेता मुल्ला बरादर

नई दिल्ली
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान सरकार गठन में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर 21 अगस्त को काबुल पहुंचे हैं। हाल के दिनों में काबुल में तालिबान नेता खलील हक्कानी भी मौजूद है। हक्कानी अमेरिका के सबसे वांछित आतंकियों में से है जिसपर 5 मिलियन डॉलर का इनाम रखा हुआ है। सोशल मीडिया साइट्स पर हक्कानी को गुलबुद्दीन हेकमतयार से मिलते हुए देखा गया है। तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी एएफपी से बताया है कि मुल्ला बरादार एक समावेशी सरकार के गठन के लिए जिहादी नेताओं और राजनेताओं से मिलने काबुल पहुंचे हैं। बरादर 17 अगस्त को दोहा की राजधानी कतर से अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार पहुंचे थे। कंधार तालिबान का गढ़ रहा है। कंधार पहुंचकर बरादर ने कहा था कि तालिबान का शासन अबकी अलग तरह का रहेगा। तालिबान ने कहा है कि वह चाहते है कि अबकी उनकी सरकार समावेशी रहे  लेकिन इस सरकार में कौन-कौन शामिल होगा इसके लेकर चींजें साफ़ नहीं की है।

मुल्ला बरादर को 2010 में पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था। 2018 तक वह हिरासत में रहे। इस साल अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान ने उसे कतर स्थानांतरित कर दिया था। बाद में बरादर दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख नियुक्त किए गए, जहां उन्होंने उस समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके कारण अमेरिकी सेना को अपने 20 साल के अभियान को वापस लेने का समझौता करना पड़ा। 20 अगस्त को तालिबान नेता सिराजुद्दीन हक्कानी के चाचा खलील हक्कानी को काबुल की एक मस्जिद में नमाज अदा करते देखा गया है। तथाकथित हक्कानी नेटवर्क के एक औएर बड़े नेता अनस हक्कानी भी काबुल में मौजूदा हैं और उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला से मुलाकात की थी। ऐसे में एक्सपर्ट्स अनुमान लगा रहे हैं कि तालिबान जल्द ही अफगानिस्तान में सरकार गठन कर सकता है।