बलौदाबाजार
अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में 10 प्रतिशत की सीमा शिथिल करने के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्णय से युवाओं के लिए सरकारी नौकरी के द्वार खुल गये है। इसके तहत बलौदाबाजार जिले में पंचायत एवं ग्रामीण विभाग द्वारा 3 युवाओं को सरकारी नौकरी दी गयी है। तीनों को पंचायत सचिव के रूप में पदस्थापना दी गयी है। इस हेतु जिला पंचायत सीईओ डॉ फरिहा आलम सिद्की ने आदेश जारी हैं।
सिमगा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम तरपोगा पंचायत ढेकुना निवासीमती इंद्रा मार्कण्डेय को पंचायत सचिव पद में नियुक्ति दी गयी है। उन्हें उनकें पिताजी अमरदास मार्कण्डेय के बदलें में अनुकंपा नियुक्ति मिली है।मती इंद्रा ने बताया कि मेरे पिता सिमगा जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायत रोहरा के सचिव पद में पदस्थ था। 18 फरवरी 2021 को एक्सीडेंट से निधन हो गया। हम लोग घर मे 5 बहन एवं 2 भाई है। जिसमें हम 3 बहनों की शादी हो गयी है। 2 बहन एवं 2 भाई की पढाई चल रही है। पिता जी के जानें के बाद घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। हम लोग भविष्य को लेकर बहुत चिंतित थे। पर अब नौकरी मिलनें से बड़ी राहत परिवार को मिली है। मैं इसके लिए सरकार एवं जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
उसी तरह कसडोल जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम अजुर्नी निवासीमती रंगो बाई बरिहा को उनकें पति के बदले अनुकंपा नौकरी दी गयी है।मती रंगो बाई बरिहा ने बताया कि मेरे पति ग्राम पंचायत देवरतराई में सचिव के रूप में पदस्थ था। वह शुगर का मरीज था। 1 मार्च 2016 को उनका अचानक शिवरीनारायण के पास ही रोड में तबीयत खराब हो गया जिससे उनकी आकस्मिक मृत्यु हो गयी। मेरे 2 बेटी एवं 2 बेटा है। जिनकी अभी पढ़ाई चल रही है। उनकें जानें के बाद घर की जिम्मेदारी मेरे ऊपर आ गयी दीन ब दिन घर की हालत बिगड़ती गयी। कुछ जमीन को गिरवी रखने की नौबत आ गयीं। अब नौकरी मिलनें से बड़ी राहत परिवार को मिली है। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय मे नियुक्ति देकर जीवन की गंभीर समस्या का हल किया है।
इसी तरह कसडोल विकास के अंतर्गत ग्राम कुशगढ़ निवासी सुश्री बोध कुंवर कोसले को उनकें पिता जी सोनालाल के बदले में अनुकंपा नौकरी दी गयी है। जिला पंचायत सीईओ डॉ फरिहा आलम सिद्की ने बताया कि तीनों सचिवों को प्रशिक्षण के लिए गाँव के नजदीक ही ग्राम पंचायत सचिव के साथ 3 महीनें के लिए संलग्न गया। उसके उपरांत उन्हें स्वतंत्र पंचायत दी जाएगी।