अनमोल जीवन के रहस्य बताते हुए ये “रोला छ्न्द”

अनमोल जीवन के रहस्य बताते हुए ये “रोला छ्न्द”

1.) ।। बेटियाँ और दहेज ।।

जीवन है अनमोल,झुलसती बिटिया रानी।
बाबुल बिना दहेज,विदा कर गये सयानी।।

जीवन है अनमोल,पीर पड़ सकता सहना।
महँगे पड़े सवाल,पिया घर चुप ही रहना।।

जीवन है अनमोल, पिहरवा कैसे त्यागे।
माथे का सिंदूर, पिता जी महँगा लागे।।

जीवन है अनमोल,लुटा दी छत सिर पर से।
बापू कन्यादान ,करें आखिर किस घर से।।

जीवन है अनमोल, मंत्र ने उलट दिए सब।
स्वतंत्रता हो कैद, बेटियाँ गरल पिये तब।।

2.)

जीवन है अनमोल, डरो मत ज्ञान बढ़ाओ।
उसी जगह पर यार,जहाँ तुम हारे जाओ।।

जीवन है अनमोल ,वही है अपनी राधा।
जिससे करके बात, कष्ट हो जाते आधा।।

जीवन है अनमोल,दिलों को जोड़े रखना।
क्या ले जाना साथ,कौन-सा वस्तू अपना।।

जीवन है अनमोल,डरो ना विपदा पड़ती।
कठिनाईयों संग , कामयाबी है चलती।।

जीवन है अनमोल,नीर कितना भी मैला।
भले मिटे ना प्यास,बुझाये पावक लैला।।

कवि बलराम सिंह “बल्लू-बल”
थान खम्हरिया