रायपुर
राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा राजधानी रायपुर पहुंचे बेबीलॉन होटल में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि ” छत्तीसगढ़ से मेरा विशेष संबंध है. वह संबंध यह है कि 60 साल पहले यहां भिलाई में मेरी शादी हुई थी. इसलिए मेरा विशेष लगाव छत्तीसगढ़ से महसूस करता हूं. यहां बहुत आनंद आता है.” इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम साथ थे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में यशवंत सिन्हा ने कहा कि मैं यहां अपने अभियान के तहत आया हूं। हमने इसकी शुरूआत दिल्ली से बेहद दूर की जगह केरल तिरुअंनतपुरम से की। वहां हमें 100 प्रतिशत वोट मिल रहे हैं। केरल सेक्युलर जगह है। सब लोग मेरे साथ हैं।
यशवंत सिन्हा ने यह भी कहा कि ‘‘देश को खामोश राष्ट्रपति नहीं, बल्कि ऐसे राष्ट्रपति की जरूरत है, जो अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करे. प्रधानमंत्री को सलाह दें. जो कठपुतली हैं, वे निश्चित रूप से ऐसा नहीं करेंगे.” यशवंत सिन्हा ने वर्तमान भाजपा सरकार और अटल की सरकार के समय की बात बताते हुये कहा कि अब की सरकार कि सत्ता की भूख बड़ी है ,आज की भाजपा पहले जैसे नहीं है. जो सर्वदलीय बैठक कर सर्वसमत्ति से फ़ैसला लेते थे.
सर्वसम्मति से चुनाव अच्छा :
यशवंत सिन्हा ने कहा कि ” राष्ट्रपति का पद अत्यंत गरिमा का पद है. अच्छा तो यह होता कि इस पद के लिए चुनाव नहीं होता ही और सर्वसम्मति से पक्ष-विपक्ष दोनों मिलकर बैठते और किसी एक व्यक्ति को सर्वसम्मति से चुन लेते. ऐसा करने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की थी. संविधान में राष्ट्रपति के कुछ कर्तव्य भी निर्धारित हैं. हमने देखा है कि ऐसे भी राष्ट्रपति हुए हैं, जिन्होंने पद की शोभा बढ़ाई है. कभी-कभी खामोश राष्ट्रपति भी आए हैं और जो अपने निर्धारित जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए, नहीं निभाया.”
नाम के ऐलान से पहले हुई थी मीटिंग :
राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा शुक्रवार को रायपुर में थे. यहां पर उन्होंने छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायकों के साथ संवाद करके राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन मांगा. यशवंत सिन्हा ने कहा कि ” केंद्र में जो विपक्षी दल हैं, उनकी दो मीटिंग्स हुईं. कुछ अनौपचारिक मीटिंग हुई. अंतत: मुझसे पूछा कि क्या मैं उनका साझा उम्मीदवार बनना चाहूंगा. जब मैंने हामी भरी तो उन्होंने मेरे नाम की घोषणा की. लेकिन कुछ देर के बाद सत्ता पक्ष ने अपने उम्मीदवार की घोषणा की. इस तरह चुनाव की बिसात बिछ गई. हम लोग चुनाव मैदान में हैं.”
ED की कार्रवाई पर बोले सिन्हा
सरकार में होते हमारे दिल में कभी दूर-दूर तक ये ख्याल भी नहीं आया कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ ईडी का इस्तेमाल करूं । आज सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग का नंगा नाच हो रहा है इससे निकृष्ट काम दूसरा कोई नहीं हो सकता है। कुछ लोग पहले मेरे समर्थन में थे पर अब जो नहीं दिखाई दे रहे शायद उसका कारण भी यही है।
मीडिया ने आडवाणी से समर्थन मांगने का सवाल पूछा तो सिन्हा बोले- आडवाणी जी वयोवृद्ध है और अभी बीमारी के दौर में किसी से नहीं मिल रहे हैं। उनकी बेटी से बात हुई है फोन पर । धारा 124 पर सिन्हा बोले कि मेरा मानना है कि इसे हमारी कानून व्यवस्था का अंग नहीं होना चाहिए । सरकार का ये काम है राष्ट्रपति का नहीं मैं सिर्फ मशवरा दे सकता हूं राष्ट्रपति बनने के बाद । मेरी प्रथमिकता संविधान में जो सही है उसमें रहेगी ।
यशवंत सिन्हा रायपुर पहुंचे : राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित होने के बाद यशवंत सिन्हा लगातार कई राज्यों में पहुंचकर सांसद और विधायकों से अपने पक्ष में वोट देने की अपील किये. इसी कड़ी में संयुक्त विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा चेन्नई से रायपुर पहुंचे.
यशवंत सिन्हा का संक्षिप्त परिचय
यशवंत सिन्हा का जन्म 6 नवंबर 1937 को पटना के एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उन्होंने राजनीति शास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में 1960 तक बतौर शिक्षक काम किया। 1960 में IAS बने। 24 साल तक नौकरी की। फिर नौकरी छोड़कर उन्होंने 1986 में जनता पार्टी ज्वॉइन कर कर ली। साल 1989 में उनकी पार्टी का जनता दल से गठबंधन होने के बाद उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया। फिर वह 1998 से साल 2002 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रहे। उन्होंने 2002 में विदेश मंत्रालय का पद भी संभाला। यशवंत सिन्हा ने 2009 में भाजपा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। साल 2018 में बीजेपी छोड़ने के बाद 2021 में वह ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी में शामिल हो गए थे।
राष्ट्रपति चुनाव : बता दें कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए कुल 115 नामांकन पत्र दाखिल किए गए हैं. राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी द्वारा की गई एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने बताया कि ”चुनावों के लिए 15 जून से शुरू हुई नामांकन की प्रक्रिया 29 जून को समाप्त हो गई है. साथ ही उन्होंने बताया कि एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने नामांकन को लेकर सभी प्रक्रियाएं वैध तरीके से पूरी की हैं.”
राष्ट्रपति चुनाव में छत्तीसगढ़ से किसे कितना वोट
छत्तीसगढ़ से द्रौपदी मुर्मू को 9451 मिलने की संभावना है। दूसरी ओर, यूपीए समर्थित प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को छत्तीसगढ़ से मुख्यत: कांग्रेस सांसदों और विधायकों के वोट ही मिलेंगे। यहां 2 लोकसभा और 4 राज्यसभा सांसद कांग्रेस से हैं। इसके अलावा, विधानसभा में 71 विधायक, कुल वोट वैल्यू 13359 होगी। इस तरह, छत्तीसगढ़ से यूपीए प्रत्याशी सिन्हा को प्रतिद्वंद्वी की तुलना में काफी ज्यादा वोट मिलने की संभावना है। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है।
छत्तीसगढ़ की वोटों का वैल्यू 22790.
ये इस प्रकार है
- एक सांसद की वोट वैल्यू 700 होगी है।
- छत्तीसगढ़ में एक विधायक की वोट वैल्यू 129 है।
- कांग्रेस के 71 विधायकों की वोट वैल्यू 9159 होगी।
- कांग्रेस के 6 सांसदों की वोट वैल्यू 4200 होगी।
- कांग्रेस की कुल वोट वैल्यू 13 हजार 359 होगी।
- भाजपा के 14 विधायकों की वोट वैल्यू 1806 होगी।
- भाजपा के 10 सांसदों की वोट वैल्यू 7000 होगी।
- भाजपा की कुल वैट वैल्यू 8806 होगी।
- जोगी कांग्रेस-बसपा मिलाकर 5 विधायक हैं।
- इनकी वोट वैल्यू 645 होगी।