Patna
बिहार में महागठबंधन की नई सरकार का आज बुधवार को दोपहर 2 बजे शपथ ग्रहण होगा। वरिष्ठ जेडीयू नेता नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। सूत्रों के मुताबिक, राजभवन में दोपहर 2 बजे एक सादे समारोह में दोनों नेता शपथ लेंगे।
नीतीश कुमार 8वीं बार सीएम पद की लेंगे शपथ
नीतीश कुमार के जदयू और तेजस्वी के राजद सूत्रों ने कहा कि बाद में दो सदस्यीय मंत्रिमंडल में और मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। बीजेपी नीत एनडीए को छोड़ नीतीश कुमार 8वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वह सात दलों के गठबंधन का नेतृत्व करेंगे। इस गठबंधन को एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है। वहीं, तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री के पद पर शपथ लेंगे।
नीतीश ने राज्यपाल को 164 विधायकों की सूची सौंपी
गौरतलब है कि बिहार में मंगलवार को तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से दो बार मुलाकात की। नीतीश ने पहली बार में एनडीए की सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा और फिर आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन का नेता चुने जाने के बाद राज्य में एक बार फिर शीर्ष पद के लिए अपना दावा पेश किया। नीतीश ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को 164 विधायकों की सूची सौंपी है। बिहार विधानसभा में विधायकों की वर्तमान संख्या 242 है और बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरुरत है।
बीजेपी ने विश्वासघात करने का लगाया आरोप
वहीं, बिहार प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार पर 2020 के विधानसभा चुनावों के जनादेश के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया और दावा किया कि नीतीश को इसके लिए बिहार की जनता सजा देगी। नीतीश कुमार का यह कदम 2017 में जो हुआ था उसका उलटा है, तब वह महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए में फिर से शामिल हो गए थे। नीतीश ने सहयोगी बीजेपी का साथ नौ साल में दूसरी बार छोड़ा है। नरेंद्र मोदी को गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उन्होंने 2013 में एनडीए का साथ छोड़ दिया था।
जेडीयू ने सहयोगी बीजेपी पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया
जेडीयू की बैठक के बाद नीतीश कुमार अपना इस्तीफा सौंपने के लिए राजभवन गए। बैठक में सहयोगी बीजेपी पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया गया। नीतीश ने कहा, “पार्टी की बैठक में यह तय किया गया है कि हम एनडीए छोड़ दें, इसलिए मैंने एनडीए सरकार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।” इसके तुरंत बाद वह पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास गए, जहां आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों सहित महागठबंधन के सभी नेता एकत्र हुए थे।
सत्ता में आधा दर्जन पार्टियां भागीदारी, ऐसे हो सकता है बंटवारा
लिहाजा तीन पार्टियां होने की वजह से ज्यादा परेशानी नहीं थी, लेकिन अब सत्ता में आधा दर्जन पार्टियां भागीदारी कर रही हैं। इसलिए विभागों के बंटवारे में थोड़ी मुश्किल आएगी। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष का पद भी मांगा है।
बिहार में 44 विभाग हैं। इन विभागों में संख्या के आधार पर हिस्सेदारी होती है तो ,सबसे ज्यादा मंत्री पद RJD के खाते में जाएंगे। ये तेजस्वी पर निर्भर करता है कि वे जितने विभाग हैं उतने मंत्री रखेंगे या किसी एक मंत्री को अतिरिक्त विभाग देंगे।
हिसाब के मुताबिक,164 विधायकों का समर्थन नीतीश कुमार ने राज्यपाल को सौंपा है। इसमें RJD के 79, JDU के 45, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, HAM के 4 और एक निर्दलीय की हिस्सेदारी है। 44 विभागों का बंटवारा किया जाएगा तो 3.72 विधायक पर एक विभाग का हिस्सा पड़ता है। संख्या के मुताबिक, RJD को 21 विभाग मिलेंगे। वहीं, JDU को 12 से संतोष करना पड़ेगा। लेफ्ट के 4 विधायकों का समर्थन रहेगा। हम और निर्दलीय को एक-एक मंत्री पद से ही संतोष करना पड़ सकता है। अब ऐसे में महागठबंधन के दलों को तय करना है कि वो संख्या के आधार पर विभागों का बंटवारा करते हैं या फिर सिम्बॉलिक व्यवस्था लाते हैं।
हम और निर्दलीय विधायकों को पुराने विभाग मिल सकते हैं
JDU को शिक्षा, जल संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, ऊर्जा विभाग, कल्याण विभाग, सहकारिता विभाग, आपदा और जनसंपर्क विभाग दिए जा सकते हैं। इसके अलावा, कांग्रेस को राजस्व एवं भूमि सुधार, लोक अभियंत्रण विभाग, मद्य निषेध विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग भी दिया जा सकता है। हम और निर्दलीय को उनके पुराने विभाग फिर से सौंपे जा सकते हैं।