परी और नन्हे मास्टर शेफ बन कर दिया सुपोषित छत्तीसगढ़ का संदेश

    रायपुर,

    प्रदेश में 1 सितंबर से राष्ट्रीय पोषण माह चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत पोषण आहार के बारे में गतिविधियां करते हुए लाभार्थियों को पोषण आहार खाने और उसके लाभ के बारे में बताया जा रहा है । इसी कड़ी में गुढ़ियारी सेक्टर में पोषण परी के माध्यम से पोषण आहार के बारे में संदेश दिया गया ।

    पोषण व्यवहार संबंधी जानकारी देते हुए गुढ़ियारी सेक्टर की पर्यवेक्षक रीता चौधरी ने बताया: ‘’पोषण माह के अंतर्गत लोगों को पोषण व्यवहार और पोषण आहार के बारे में बताया जा रहा है । इसके लिए तरह तरह की गतिविधियां करते हुए लाभार्थियों को यह संदेश दिया जा रहा है कि पोषण आहार शारीरिक और मानसिक विकास के लिए कितना महत्वपूर्ण है और कौन सी सब्जियों को खाने से हमें क्या लाभ होते हैं, किस तरह का भोजन करने से हमारा सही विकास होता है। इन सभी के बारे में पोषण माह के अंतर्गत हो रही गतिविधियों में जानकारी दी जा रही है । ‘”  

    आगे उन्होंने कहा “पोषण माह के अंतर्गत सेक्टर गुढ़ियारी में बाजरा की रोटी, रागी का हलवा एवं अन्य व्यंजन, खुर्मी, चीला, गुलगुला, भजिया, रेडी टू ईट फूड से बनाकर व्यंजन प्रदर्शनी लगाई गई एवं हितग्राहियों को समझाइश दी गई कि आप भी रेडी टू ईट फूड पैकेट का उपयोग निर्धारित मात्रा के अनुसार ही करें एवं हरी सब्जियों का उपयोग प्रतिदिन अपने भोजन में लें । किशोरी ने फल एवं सब्जी के पंख लगाकर सुपोषण परी बनकर हितग्राहियों को सुपोषित छत्तीसगढ़ का संदेश के साथ साथ स्वस्थ रहने के लिए हरी साग सब्जियों का प्रयोग करने के बारे में जानकारी दी गयी । स्लोगन के माध्यम से भी पोषण का संदेश दिया गया।“

    प्रदर्शनी के माध्यम से शिशुवती माताओं, गर्भवती महिलाओं और 1 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोषण आहार नियमित रूप से देने का संदेश दिया गया। रेडी टू ईट से कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने अनेक प्रकार के पकवान बनाए। जिसमें विशेष रूप से नमकीन, कतरा चिला, खुरमी, लड्डू आदि व्यंजन को सराहा गया। इस प्रदर्शनी के माध्यम से शिशुवती माताओं, गर्भवती महिलाओं और 1 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोषण आहार नियमित रूप से देने की बात कही गई।

    नन्हे मास्टर शेफ पहुंचे आंगनबाड़ी

    फायर लेस कुकिंग से बनाया चपाती रोल, मिक्स सलाद और बूंदी रायता

    आरंग रायपुर  राष्ट्रीय पोषण माह कार्यक्रम के अंतर्गत जिले की समस्त आंगनबाड़ी पर बच्चों को पोषण आहार बना कर खिलाने के लिये हर रोज नया जतन किया जा रहा है। केंद्रों पर गतिविधि आधारित कार्यक्रम चलाकर बच्चों में भोजन करने के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से बच्चों के लिये तरह तरह की गतिविधि की जा रही है। इसी कड़ी में भानसोज की आंगनबाड़ी केंद्र खम्हरिया 1 और खम्हरिया 2 ने मिलकर फायर लेस कुकिंग करवाकर नन्हे मास्टर शेफ से मजेदार भोजन बनवाया।

    नन्ही मास्टर शेफ रूपाली निर्मलकर बताती हैं: “आज भोजन बनाने में मुझे बहुत मजा आया, मैं चपाती रोल बनाकर खुद ही खा गई मेरे दोस्त मुझे देखते रहे और इंतजार करते रहे कि मैं उनको भी दूंगी। मैंने थोड़ा सा भी नहीं बचाया मैं सारा खा गई, मुझे चपाती रोल बहुत अच्छा लगा।“

    इस सम्बन्ध में भानसोज सेक्टर की पर्यवेक्षक ऋतु परिहार बताती है, “आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के साथ आंगनबाड़ी केंद्र खम्हरिया क्रमांक 1 और 2 की कार्यकर्ता निर्मला निषाद और सुनीता वर्मा ने राष्ट्रीय पोषण माह के तहत बच्चों में भोजन करने के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से बच्चों के ही द्वारा फायर लेस कुकिंग जैसी गतिविधि करते हुए बच्चों से चपाती रोल बनवाएं जिसमें आलू मसाला, टमाटर की मीठी चटनी, प्याज, धनिया पत्ती का उपयोग करते हुए चपाती में आलू का मसाला लगाकर उसके ऊपर टमाटर की चटनी लगाई प्याज धनिया पत्ती डालकर रोल बनाया और मजे से बच्चों ने खाया। वही कुछ नन्हे मास्टर शेफ ने खीरा, गाजर, मूली, भीगा चना, टमाटर, शिमला मिर्च, नींबू, को सलाद के रूप में बनाकर खाया।“

    फायर लेस कुकिंग करने का उद्देश्य बच्चों को जोखिम से दूर रखना और खाने में ही उन्हें उनकी पसंद की चीजों को डालने का अनुभव कराना और उन्हें उनको खाने के लिए प्रेरित करना है। इसी तरह बूंदी रायता में उन्होंने बूंदी, दही, नमक, जीरा पाउडर ,मिर्च पाउडर मिलाकर रायता तैयार किया और मजे से खाया गया। इस दौरान जो भी गतिविधि की गई वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के देखरेख में की गई ताकि बच्चों को किसी भी प्रकार के जोखिम से दूर रखा जाए।

    पूरी गतिविधियों में विशेष बात यह रही कि कहीं भी फायर (आग) का उपयोग नहीं किया गया और सुरक्षित तौर पर ही पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया। इन सब गतिविधियों को करने का उद्देश्य बच्चों की सेहत का ध्यान रखना और उन्हें गतिविधियों के माध्यम से पोषक भोजन खाने के लिए प्रेरित करना है। सहायिका गौरी निर्मलकर के सहयोग से रूपाली निर्मलकर ने रोटी रोल, रेशमा निषाद ने सलाद और पूर्वी निषाद ने रायता बनाया।

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