नकारात्मक विचार को दूर करने को जेल में आयोजित हुआ मानसिक स्वास्थ्य शिविर, 43 बन्दियों ने लिया मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी परामर्श

जगदलपुर,

जिले में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्रीय जेल जगदलपुर में बंदियों के लिए एक दिवसीय निःशुल्क मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान जेल के बंदियों को मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित बीमारी और जीवन में होने वाले तनाव, तनाव के प्रकार और तनाव को कम करने के उपाय के बारे में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बताया गया।

इस मौके पर नोडल ऑफिसर डॉ ऋषभ साव ने बताया: ” बुधवार को मानसिक रूप से अस्वस्थ बंदियों के लिये निःशुल्क परामर्श एवं उपचार शिविर का आयोजन किया गया । जहाँ क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट मोनिका एवं एनएमएचपी(राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम) टीम द्वारा मानसिक स्वास्थ्य संबंधित बीमारियों ,लक्षण ,उपचार एवं जेल में उनकी दैनिक दिनचर्या के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य को उन्नत करने के उपाय बताए गए। इस एक दिवसीय शिविर में 43 बन्दियों को सिजोफ्रेनिया, डिप्रेशन, हाइपरटेंशन, अल्कोहल एडिक्शन, इनसोम्निया, आदि से ग्रसित लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी परामर्श दिया गया। ”

आगे उन्होंने बताया: ” बंदियों में ज्यादातर लोग तनाव के कारण डिप्रेशन में रहते है । तनाव से मुक्ति के लिये प्रतिदिन नियमित रुप से योग करने, भरपूर नींद लेने एवं आपस में बातचीत कर तनाव को कम करने की सलाह दी गयी। मानसिक अस्वस्थता की स्थिति हो तो घबराएं नही, जिला अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक के माध्यम से मानसिक रोगियों को निःशुल्क परामर्श व उपचार दिया जाता है।“

साइकोलॉजिस्ट मोनिका ने बताया: “अक्सर जेल में जाने पर लोगों की मानसिक स्थिति में बदलाव आता है। लोगों में आत्मग्लानि और समाज में उन के लियें लोग क्या सोच रहे होंगे, यह सब उनके लिए मानसिक तनाव का कारण होते है । गुस्सा आना और डिप्रेशन होना, जेल में रहने वाले कुछ बंदियों में समान्यतः यह लक्षण पाये जाते है। नींद की समस्या, कुंठा में रहना बुरे ख्याल आना और समाज में वापस जाने पर क्या होगा जैसी सोच की समस्या को दूर करने और मन में चल रहे नकारात्मक विचार को दूर करने के लिए निःशुल्क काउंसलिंग की गई।“

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