देहरादून
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जून महीने में पेश होने वाले बजट को लेकर विभिन्न वर्गों से सुझाव लेने आरंभ कर दिए हैं। शनिवार को नैनीताल में भावी बजट को लेकर जनता से राय मांगी गई और अब देहरादून में भी इसी तरह से लोगों से सुझाव मांगे जाएंगे। यह सिलसिला अगले कुछ हफ्ते चलेगा। ऑनलाइन और ऑफलाइन सुझाव भी सरकार के पास पहुंच रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव (वित्त) आनंद बर्द्धन का कहना है कि हमने केंद्र सरकार से जीएसटी प्रतिपूर्ति मुआवजा जारी रखने का अनुरोध किया है। सूत्रों का मानना है कि यदि केंद्र मुआवजा देने से इनकार करता है तो राज्य सरकार को सालाना करीब पांच हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। यानी राजस्व घाटे के एवज में आयोग की सिफारिश पर जो अनुदान राज्य को प्राप्त हो रहा है, लगभग उसके बराबर धनराशि से राज्य को हाथ धोना पड़ जाएगा।
सरकार के सामने खर्च संभालने की चुनौती भी है। वेतन और पेंशन का खर्च बढ़ रहा है। वेतन खर्च की सालाना आठ प्रतिशत और पेंशन खर्च सात प्रतिशत वृद्धि दर है। नए ऋणों पर आठ प्रतिशत ब्याज दर का भुगतान अलग से है। इसे काबू में लाना सरकार के लिए आसान नहीं है।