कमरतोड़ महंगाई लगातार बढ़ रही लेकिन कर्मचारियों का वेतन और भत्ता नहीं बढ़ा – दुर्गा झा

दुर्गा झा, प्रदेश उपाध्यक्ष,आप
रायपुर,

आप प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने देश व प्रदेश में लगातार बढ़ती महंगाई की ध्यान दिलाते हुवे कहा कि न ही प्रदेश कांग्रेस शासन और न ही भाजपा केंद्र शासन का कोई कदम इसपर लगाम लगाने की मंशा ही दिखा पा रहा है ।
महंगाई के पूर्ति हेतु प्रदेश के शासकीय कर्मचारी केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता की मांग कर रहे हैं। इससे छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आवाहन पर पूरे प्रदेश में 25 जुलाई से 29 जुलाई तक पांच दिवसीय आंदोलन होने तथा 9 दिन तक शासकीय कार्यालय और शालाएं बंद करने का संकल्प लिया गया है। इस बीच घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत प्रति सिलेंडर रू 50 वृद्धि कर दी गई है।इससे कर्मचारियों में खलबली मच गई है।

कोमल हुपेंडी ने आरोप लगाया है कि केंद्र और राज्य के आपसी खींचतान का खामियाजा प्रदेश के शासकीय और अशासकीय कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। अब गैस सिलेंडर की कीमत प्रति सिलेंडर रू 50 और बढ़ा दी गई है इस प्रकार केंद्र और राज्य सरकारें महंगाई भत्ता बढ़ाने के बजाय महंगाई बढ़ा रहे हैं। इससे प्रदेश के कर्मचारी अब आंदोलन की राह पर दिन प्रतिदिन अग्रसर हो रहे हैं। इसके अलावा प्राइवेट कर्मचारियों और मध्यम वर्गीय परिवारों की तो इस बढ़ती महगाई ने कमर ही तोड़ कर रख दी है ।

प्रदेश उपाध्यक्ष दुर्गा झा ने गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि की निंदा करते हुए तत्काल महंगाई भत्ता कर्मचारियों को दिए जाने की मांग भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की है। वही अनब्रांडेड खाद्यान्नों पर जीएसटी लगाना मध्यमवर्गीय परिवारों पर कुठाराघात है। मोदी सरकार के वन नेशन वन टैक्स जीएसटी यानि गब्बर सिंह टैक्स लागू होने के पहले के जो आवश्यक वस्तुओं के दाम थे उसमें गब्बर सिंह टैक्स लागू होने के बाद भारी बढ़ोत्तरी हुई है। 23 रू. किलो का आटा 30 रू. किलो मिल रहा है। कैंसर बीमारी में उपयोग होने वाली जीवन रक्षक दवाई ब्रोटोजोमाइट जिसकी कीमत 11, 160 रु. थी वो गब्बर सिंह टैक्स लगने के बाद 17 हजार में मिल रही है। डोलो क्रोसिन जिसकी कीमत 14 रु. पर स्ट्रिप था वो अब 20 रु. में मिल रही है। 60 रु किलो का डिटर्जेंट पाउडर 100 रू प्रति किलो मिल रहा है, 400 रू. की चप्पल 500 रू. मिल रहा है, 105 रू. किलो की कुकिंग ऑयल 216 रू किलो मिल रहा हैं। कॉटन शर्ट रेडीमेड जो नॉर्मल एवरेज 550 में प्रति यूनिट था आज 700 रु. हो गया है, साबुन की टिकिया 16.50 रू. पैसे से बढ़कर 30 रू. हो गया है।

कोमल हुपेंडी ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो बड़े बड़े दावे किए थे देश में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में एकरूपता और सस्ती होने की बात कही गई थी वह कहीं पर नजर नहीं आ रही है। मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते देश में महंगाई चरम सीमा पर है। लोग रोजगार के संकट से जूझ रहे है। लोग महंगाई से परेशान हैं।

दुर्गा झा ने आगे कहा कि अभी तक केवल ब्रांडेड चावल और आटे पर जीएसटी लगता था लेकिन अब मोदी सरकार थैली बंद अनब्रांडेड गेहूं, चावल, आय, दाल जैसे आवश्यक खाद्यात्रों को जीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। अब जनता को इन खाद्यान पर 5 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना होगा।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया गया यह निर्णय आम जनता के मुंह से निवाला छीनने वाला निर्णय है।जब से केंद्र में मोदी सरकार आई है तब से उद्योगपतियों और व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए संविधान और आम लोगों के जनजीवन को बर्बाद करने का काम बदस्तूर कर रही है। देश में थोक महंगाई दर 15.9 प्रतिशत और खुदरा महंगाई दर 12.3 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है। भाजपा की केंद्र सरकार लगातार पहले से ही बदहाल जनता से बुनियादी जरूरतों को छीनने का प्रयास कर रही है।

कोमल हुपेंडी ने अंत में कहा एक ओर प्रदेश की बदहाल मूलभूत व्यवस्था जिसकी कांग्रेस की भूपेश सरकार दोषी है और सिर्फ भ्रष्टाचार फल फूल रहा है। दूसरी ओर भाजपा की केंद्र सरकार जो बेलगाम महंगाई को रोकने में असफल है और प्रदेश व देश की जनता हलाकान है ।भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही घर वापसी अब लगभग तय है ।आज छत्तीसगढ़ वासी सिर्फ असहाय और पीड़ित है, आखिर कब तक !! बस अब और नहीं अब 2023 में आप ।

 

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