Winter Season : सर्दी के मौसम में पैरों की देखभाल में घरेलू प्री बाथ ट्रीटमैंट

लाइफ स्टाइल

पैरों की सुंदरता के लिए जरूरी है कि चेहरे व हाथों की तरह पैरों पर भी विशेष ध्यान दिया जाए. पैरों की त्वचा मौसम से काफी हद तक प्रभावित होती है. इसलिए सर्दी के मौसम में हमारे पैरों को भी कुछ खास देखभाल की जरूरत होती है. स्नान से पहले पैरों पर तेल लगा कर त्वचा की मालिश करने से त्वचा मुलायम होती है. इस के लिए तिल का तेल या वेजीटेबल आयल इस्तेमाल किया जा सकता है. नहाने के तुरंत बाद त्वचा पर बौडी लोशन या क्रीम लगाने से त्वचा को नमी मिलती है. आयुर्वेद के अनुसार सर्दी के मौसम में मालिश के लिए सरसों का तेल अच्छा होता है लेकिन तिल का तेल पूरे साल इस्तेमाल किया जा सकता है. इस्तेमाल करने से पहले तेल को हलका गरम (कुनकुना) कर लें. ब्यूटी एक्सपर्ट प्री बाथ ट्रीटमैंट के रूप में लैमन टरमरिक क्रीम लगाने की सलाह देती हैं. यह क्रीम केवल त्वचा को मुलायम ही नहीं बनाती बल्कि इस के नियमित प्रयोग से त्वचा का रंग भी साफ होने लगता है. यह पानी में घुले क्लोरीन व साबुन के दुष्प्रभाव से त्वचा को शुष्क होने से बचाती है. हलदी में ऐंटीसैप्टिक होने का गुण भी है, जिस से यह इन्फैक्शन से भी बचाव करती है.

घरेलू प्री बाथ ट्रीटमैंट

अगर पारंपरिक घरेलू प्री बाथ ट्रीटमैंट चाहें, तो बेसन के साथ थोड़ा सा दूध या दही और चुटकी भर हलदी मिला कर पेस्ट तैयार किया जा सकता है. इस पेस्ट को नहाने से पहले पैरों पर 20 मिनट तक लगा रहने दें. 20 मिनट के बाद पैरों पर पानी डाल कर इसे रगड़ते हुए छुड़ा लें. यह इतनी अच्छी तरह पैरों की सफाई करता है कि आप को साबुन लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.

एडि़यों में दरारें

पैरों की शुष्क त्वचा के लिए 1 छोटा चम्मच शुद्ध ग्लिसरीन 50 मि.ली. गुलाबजल में डालें. इसे पैरों पर आधा घंटा लगाए रखने के बाद साफ पानी से धो कर पैर साफ कर लें. सर्दी में पैरों की एडि़यां सख्त होने या फटने की समस्या आम है. यह ठंडा और शुष्क मौसम सिर्फ त्वचा से नमी खत्म करने का ही कारण नहीं बनता, बल्कि यह रक्तसंचार में भी बाधा डालता है. परिणामस्वरूप पैरों की त्वचा खराब होती जाती है. शरीर के दूसरे हिस्सों के बजाय एडि़यों की त्वचा ज्यादा सख्त होती है. मोइश्चराइजर की कमी के कारण जीवित कोशिकाएं मृत कोशिकाओं में बदल जाती हैं जिस से डैड स्किन की परत बनती जाती है. यदि मोइश्चराइजर की कमी को दूर न किया जाए, तो एडि़यों में दरारें पड़ने लगती हैं और ये धीरेधीरे गहरी होने पर दर्द का कारण बन जाती हैं. एडि़यों की क्रीम द्वारा मालिश कर व ठंडी और शुष्क हवा से सुरक्षा कर पैरों की नियमित रूप से देखभाल कर के एडि़यों को फटने से रोका जा सकता है.

नियमित सफाई

रात को सोने से पहले हलके गरम (कुनकुने) पानी में थोड़ा नमक व शैंपू डाल कर पैरों को 20 मिनट तक डुबोए रखें. कुनकुना पानी एडि़यों की मृत त्वचा को मुलायम बनाता है. अब प्यूमिस स्टोन या हील स्क्रबर से एडि़यों को अच्छी तरह रगड़ें. मैटल स्क्रबर का इस्तेमाल न करें. पैरों को धोने के बाद क्रीम से त्वचा की मालिश करें. अब एडि़यों पर काफी मात्रा में क्रीम लगाएं. फिर एडि़यों पर साफ कौटन का कपड़ा, रुई या पट्टी बांधें. फिर सूती जुराबें पहन कर सो जाएं. इस से क्रीम एडि़यों पर लगी रहेगी व बिस्तर पर नहीं लगेगी. इस तरह सारी रात एडि़यों पर लगी हुई क्रीम एडि़यों की त्वचा को मुलायम बनाती है व मोइश्चराइजर की कमी भी पूरी करती है. इसे 1 सप्ताह तक दोहराएं. इस के अलावा बाजार में उपलब्ध फुट क्रीम लगा कर भी एडि़यों को किसी भी तरह के इन्फैक्शन से बचाया जा सकता है. यदि एडि़यों में दर्द हो या खून आता हो, तो डाक्टर से परामर्श करें.

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