राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 4 बच्चों के दिल की होगी निशुल्क सर्जरी

रायपुर,

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर.बी.एस.के) के अंतर्गत 4 बच्चों की दिल का निशुल्क ऑपरेशन किया जाएगा| इन चार बच्चों की पहचान जिला अस्पताल, पंडरी में लगाये गए एक शिविर में की गयी थी ।शिविर का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मीरा बघेल के नेतृत्व और सिविल सर्जन डॉ.पीके गुप्ता एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीष मेजरवार के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया । जून 18 को लगाये गए इस शिविर में 106 बच्चों की जांच की गई जिसमें 4 बच्चों को दिल का रोग पाया गया| यह जांच और उपचार 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों की हुई थी| स्वास्थ्य जांच शिविर में 7 बच्चों में मानसिक विकार की समस्या मिली है। वहीं 18 बच्चों में कुपोषण मिला है और 5 बच्चों को सुनने की समस्या थी उनको सहायता यंत्र प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त एक बच्चे में मिर्गी दौरे की शिकायत भी मिली है।

इस सम्बन्ध में आर.एम.एन.सी.एच.ए. कार्यक्रम की जिला सलाहकार डॉ.रंजना गायकवाड ने बताया: इस शिविर में कुल 106 बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया जिसमें 4 ऐसे बच्चों की पहचान की गयी है जिनके ह्रदय की सर्जरी विभाग द्वारा कराई जायेगी। शिविर में वीवाय अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने इकोकार्डियोग्राफी मशीन से 27 बच्चों के दिल की जांच की जिसमें से 4 बच्चों के मामलों के लिए ह्रदय सर्जरी की सलाह दी गई है। इसके लिए उन्हें उच्च केंद्र को रेफर किया गया है जहाँ पर उनकी सर्जरी की जायेगी।‘’

अभनपुर विकासखंड से स्वास्थ्य शिविर में जांच कराने अपने पिता के साथ आये सात वर्षीय टिकेश साहू ने बताया: “मुझे सुनने में परेशानी होती थी| मेरे दोस्त भी बार-बार चिढ़ाते थे कि सुनाइ नहीं देता मुझे। शिविर में मेरे कानों की जांच की गई जिसमें बाद मुझे सुनने के लिए कान की मशीन दी गयी है। मशीन लगने से अब मुझे अच्छे से सुनाई दे रहा है।“

बच्चों में रोगों की शीघ्र जांच आवश्यक
बच्चों में जन्मजात रोग या अन्य किसी भी रोग की शीघ्र जांच अत्यंत आवश्यक होती है। बच्चों में किसी भी रोग की शीघ्र जांच होने से उस बीमारी या जन्मजात विकार के सही होने की सम्भावना अधिक हो जाती है और ऐसे में बच्चा उपचार के बाद जल्द स्वस्थ भी हो जाता है। सरकार द्वारा चलाया जा रहा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम ऐसी ही एक पहल है जिसमें बच्चों के रोगों एवं विकारों की जल्द से जल्द पहचान कर उनको निशुल्क उपचार उपलब्ध करवाया जाता है।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम 
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आरबीएसके फरवरी 2013 में आरंभ किया गया था। बच्चों के जीवन की समग्र गुणवत्ता को ऊपर उठाने और उन्हें अपनी सम्पूर्ण क्षमता को पाने योग्य बनाने के लिए यह कार्यक्रम प्रारंभ किया गया था। इस कार्यक्रम में जन्म से अठारह वर्ष तक के बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाती है। स्वास्थ्य जाँच में चार श्रेणियों- जन्म जात रोग, कमियाँ , बीमारियाँ, विकास में देरी से सम्बंधित 32 रोगों की जांच की जाती है, ताकी इन रोगों का शीघ्र पता लगाते हुए बीमार बच्चों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सके साथ ही इसमें तृतीयक स्तर पर सर्जरी भी शामिल है। इन चार श्रेणियों में श्रेणीबद्ध रोगों को 4 डी (4D) के नाम से भी जाना जाता है।

शिविर में जिला अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने भी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया, जिसमें एमडी मेडिसिन, सर्जन, शिशु रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, नाक कान गला रोग विशेषज्ञ, त्वचा रोग विशेषज्ञ, दंत चिकित्सक एवं फिजियोथेरेपिस्ट ने अपनी सेवाएं दी ।

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