खजुराहो को पुनः कला और संस्कृति के अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र के रूप में स्थापित करेंगे : मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल

छत्ता तेरे राज में, धक-धक धरती होय। जित-जित घोड़ा पग धरे, तित-तित हीरा होय……. इन पंक्तियों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराजा छत्रसाल की गरिमा एवं बुंदेलखंड की पवित्र भूमि को नमन करते हुए कहा कि, खजुराहो को पुनः विश्व पटल पर स्थान दिलाने इसे कला एवं संस्कृति के अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संपूर्ण भारत वर्ष में अतिथि देवो भवः की परंपरा है। यहाँ मेहमान का सत्कार, आदर और सम्मान से किया जाता है। इस परम्परा को आगे बढ़ाते हुए खजुराहो, बुंदेलखंड और मध्यप्रदेश के सभी क्षेत्रों में पर्यटन के विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह पावन भूमि विभिन्न नामों जैसे रत्नगर्भा वसुंधरा, अन्नपूर्णा वसुंधरा और अब टाइगर स्टेट, लैपर्ड स्टेट और गिद्धों के संरक्षण के लिए भी जानी जाती है। यहाँ पर्यटन की असीम संभावनाएँ हैं।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खजुराहो को पर्यटन के आदर्श केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा। इसके लिए पर्यटन क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों के अनुभव का लाभ लिया जाएगा। साथ ही खजुराहो नृत्य महोत्सव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि केंद्र एवं राज्य शासन के प्रयासों से स्वदेश-दर्शन योजना के तहत 51 करोड़ 43 लाख रुपये की लागत से निर्मित छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। उन्होंने कहा कि इस सेंटर के लोकार्पण में देश के विभिन्न अंचल से शामिल होने आये 141 टूअर ऑपरेटर्स, माईस (मीटिंग्स, इन्‍सेंटिव, कॉन्फ्रेंस एक्जीबिशन) ऑपरेटर्स, इवेंट मैनेजमेंट एजेंसी, ट्रेवल एजेंट्स एवं अन्य स्टेक होल्डर्स से विचार-विमर्श कर भविष्य में खजुराहो और मध्यप्रदेश को माईस पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यहाँ पर्यटन के साथ बिजनेस एवं कॉर्पोरेट मीटिंग आदि आयोजित हों, इस पर भी कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि, खजुराहो को देश की 19 आईकॉनिक सिटीज ऑफ इंडिया में से एक सिटी के रूप में चुना गया है। यह इस बात का सबूत है कि बुंदेलखंड पुरा-सम्पदा के रूप में कितना समृद्ध है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ‘होम स्टे’, ‘ग्राम स्टे’ योजना में भी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि मानसिक, आध्यात्मिक शांति और नये अनुभवों के लिए महलों में रहने वाले लोग भी झोपड़ियों में रहना चाहते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खजुराहो न केवल कला, संस्कृति बल्कि योग, अध्यात्म और एक परिपूर्ण एवं सुखी मानव का जीवन कैसा हो, इसका प्रमाण देता है।

केन-बेतवा लिंक परियोजना से बदलेगी बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में केन-बेतवा लिंक परियोजना प्रारंभ की गई, जिससे बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर दोनों ही बदलेगी। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में केन-बेतवा परियोजना से जहाँ एक ओर पानी की समस्या से निजात मिलेगी वहीं दूसरी ओर संपूर्ण बुंदेलखंड हरा-भरा होगा।

प्राचीन संपदाओं पर किये गये अतिक्रमण को सख्ती से हटाएँ

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर को निर्देश दिए कि खजुराहो की प्राचीन संपदाओं एवं तालाबों पर हुए अतिक्रमण को सख्ती से हटाकर उनका संरक्षण,  जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कराएँ।

वल्लभ भाई पटेल एवं महाराजा छत्रसाल की मूर्ति की जाएगी स्थापित

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि खजुराहो के महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में शीघ्र ही राष्ट्रीय एकता के प्रतीक सरदार वल्लभ भाई पटेल और महाराजा छत्रसाल की भव्य मूर्ति स्थापित की जाएगी।

इंडियन कन्वेंशन प्रमोशन ब्यूरो के प्रमुख मध्यप्रदेश चेप्टर का लोकार्पण

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंडियन कन्वेंशन प्रमोशन ब्यूरो, मध्यप्रदेश पर्यटन, नेशनल हयूमन रिसोर्स डेवलपमेंट और अन्य संगठनों के बीच हुए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग को प्रदर्शित कर इंडियन कन्वेंशन प्रमोशन ब्यूरो के मध्यप्रदेश चेप्टर का लोकार्पण किया।

खजुराहो के प्राचीन वैभव को वापस लाना ही मेरा प्रयास : पटेल

केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि खजुराहो के प्राचीन वैभव को वापस लाना ही मेरा प्रयास है। आज सुबह भगवान मतंगेश्वर के पूजन के समय मैंने उनसे भी यही प्रार्थना की है। खजुराहो के शिलालेखों को सहेजकर उन्हें विश्व पटल पर रखा जाएगा।

पटेल ने कहा कि खजुराहो की पावन धरती को मैं प्रणाम करता हूँ और शपथ लेता हूँ कि खजुराहो के प्राचीन वैभव को जब तक वापस लाकर विश्व पटल पर स्थापित नहीं कर लेता तब तक मेरा यह प्रयास निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि खजुराहो के शिलालेखों को सहेज कर विश्व पटल पर स्थापित किया जाएगा। पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल में पर्यटन को हुई क्षति को उभारने के लिए अनेक योजनाएँ प्रारंभ की हैं, जिससे पर्यटन के क्षेत्र का विकास होगा और पर्यटन से जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी।

पर्यटन राज्य मंत्री पटेल ने कहा कि आने वाली पीढ़ी को पुराने समय की संस्कृति एवं धरोहर को दिखाने के लिए पुराने कच्चे मकानों को भी सहेज कर रखना होगा। इससे वे पुराने, कच्चे मकानों की जिंदगी की खुशबू को महसूस कर सकेंगे। पटेल ने कहा कि भारत की संस्कृति को देखने देश-विदेश के लोग आते हैं और हमारे देश में ऐसी कई विरासतें हैं जो संपूर्ण विश्व में कहीं नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कार्य-कुशलता को सिद्ध कर दिखाया है। इटली और अमेरिका जहाँ स्वास्थ्य की दृष्टि में श्रेष्ठ कहे जाते हैं, कोरोना काल में किसी अन्य देश की मदद नहीं कर पाए। किंतु, हमारे भारत ने 167 देशों को कोरोना वैक्सीन प्रदान कर स्वास्थ्य के क्षेत्र में मदद प्रदान की।

प्रदेश की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि खजुराहो ऐतिहासिक धरोहर है और इससे पूरे देश में ही नहीं पूरे विश्व में मध्यप्रदेश का नाम सुशोभित होता है। उन्होंने कहा कि खजुराहो में जहाँ एक ओर पर्यटन से रोजगार के अवसर मिल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विकास के लिए महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा भी रोजगार के अवसर सृजित कर मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

खजुराहो में योग का अंतर्राष्ट्रीय केंद्र बनाया जाएगा

खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि खजुराहो में अंतर्राष्ट्रीय योग केंद्र बनाया जाएगा, जिसके माध्यम से पूरे विश्व से पर्यटक आकर मानसिक, आध्यात्मिक शांति प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि खजुराहो का नाम विश्व पटल पर अंकित करने के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा विश्व-स्तरीय सुविधाएँ स्थापित की जा रही हैं।

लोकार्पण कार्यक्रम में खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, सांसद वीरेंद्र कुमार खटीक, कुंवर विक्रम सिंह, केन्द्रीय पर्यटन सचिव अरविंद सिंह, मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति शिवशेखर शुक्ला, संस्कृति विशेषज्ञ डॉ. नवीना जापा, पूर्व अध्यक्ष आईईटीबी प्रणव सरकार, जी. कमलावर्धन राव, कमलेश्वर तिवारी सहित संस्कृति विशेषज्ञ, टूअर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट और इवेंट मैनेजमेंट कम्पनी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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