भाजपा का विधानसभा घेराव सदन में भाजपा विधायकों के अक्षम होने का प्रमाण

रायपुर,
भाजपा के विधानसभा घेराव को सियासी नौटंकी करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के विधानसभा घेराव को जनता का समर्थन नहीं मिला बल्कि विधानसभा घेराव के चलते जो जनता को असुविधा हुई उसके लिए जनता ने भाजपा को खरी-खोटी सुनाई। भाजपा का विधानसभा घेराव सदन में भाजपा विधायकों के अक्षम होने का जीता जागता प्रमाण है। सदन में भाजपा के विधायक हंगामा कर सदन की कार्यवाही को बाधित करते हैं और सड़क में सियासी नौटंकी कर भाजपा के नेता जनता को परेशान कर रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में अभी विश्वास का गहरा संकट चल रहा है। भाजपा के नेता कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं कर रहे हैं और भाजपा के कार्यकर्ता अपने नेता और विधायकों पर भरोसा नहीं कर रहे हैं। ठीक उसी तरह भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व राज्य के स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं कर रही है और राज्य का नेतृत्व अपने केंद्रीय नेतृत्व पर भरोसा नहीं कर रही है। भाजपा सदन में एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने में अब तक असफल रही है। भाजपा का मकसद सदन में हो हंगामा कर सदन के महत्वपूर्ण समय को खराब करना ही ज्यादा दिख रहा है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन भाजपा शासनकाल के दौरान छत्तीसगढ़ में लचर कानून व्यवस्था था, अपराधियों का बोलबाला था, जिसे दुरुस्त करने का काम कांग्रेस सरकार ने किया है। भाजपा नेता जो अपराधियों के संरक्षक थे अब अपराधियों पर कार्यवाही हो रही तो इनको पीड़ा हो रही है। भाजपा नेताओं को आपराधिक घटनाओं में बोलने से पहले अपने 15 साल के शासनकाल को आत्म अवलोकन करना चाहिए। जब शाम के 6 बजते ही थानों के दरवाजे बंद हो जाते थे और पीड़िता का एफआईआर दर्ज नहीं होता था बल्कि पीड़ित पक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो जाते थे।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के नेता कहते हैं कि शराब में पिकअप नहीं पकड़ रहा है, नशा के लिए गांजा और भांग की ओर आगे बढ़ना चाहिए। दूसरी ओर सड़क पर भाजपा के नेता नशे के खिलाफ आंदोलन करते हैं यह भाजपा का दोमुंही चरित्र है। रमन सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में शराब का सरकारीकरण हुआ था, कांग्रेस सरकार ने शराबबंदी के लिए कमेटी गठित किया है। शराबबंदी के लिए कदम आगे बढ़ा रही है लेकिन भाजपा के विधायक उस कमेटी में शामिल नहीं हुए हैं बल्कि नशा के लिये गांजा और भांग की ओर बढ़ने की सलाह दे रहे है। इससे समझ में आता है कि भाजपा युवाओं को नशा के गर्त में धकेलना चाहती है।

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