बेहतर कार्यप्रणाली से करें सकारात्मक छवि का निर्माण – कमिश्नर श्याम धावड़े

जगदलपुर, 
संभागायुक्त श्याम धावड़े ने बेहतर कार्यप्रणाली से शासन-प्रशासन की सकारात्मक छवि बनाने पर जोर दिया। गुरुवार को जिला कार्यालय के प्रेरणा कक्ष में आयोजित संभागस्तरीय राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग प्रशासन का आधार स्तंभ है। कमिश्नर धावड़े ने कहा कि बस्तर संभाग में पदस्थापना को अपना सौभाग्य समझकर क्षेत्र में बेहतर कार्य करके दिखाएं जिससे आदिवासी बाहुल्य बस्तर की जनता को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ निरंतर प्राप्त हो। सभी राजस्व अधिकारी अनुसूचित क्षेत्र में लोकसेवक के रूप में संवेदनशील होकर निष्ठापूर्वक कार्य करें। उन्होंने राजस्व के मूल कार्य को व्यवस्थित व भू प्रबंधन की जिम्मेदारी को सुनिश्चित करें।
संभाग स्तरीय समीक्षा सह प्रशिक्षण कार्यशाला में कमिश्नर धावड़े ने बस्तर वंनांचल में वन अधिकार मान्यता पत्र, देवगुड़ी व्यवस्था का संरक्षण और सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र को शासन की महत्वपूर्ण योजना बताते हुए राजस्व अधिकारियों को पूरी रुचि के साथ इनके क्रियान्वयन पर जोर दिया। समीक्षा बैठक में धावड़े ने वन अधिकार कानून लागू करने के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि ग्राम वासियों को सर्वाधिक रूचि व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र की होती है। बस्तर अंचल के कई क्षेत्र में विशेष पिछड़ी जनताति निवास करती है उनको विशेष प्राथमिकता देकर कार्य करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने वन अधिकार ऋण पुस्तिका का वितरण कार्य में लापरवाही नहीं करने के निर्देश दिए साथ ही डोर टू डोर सर्वे कर दो माह में वितरण सुनिश्चित करने कहा।
इस कार्य को सभी दण्डाधिकारियों को सतत मॉनिटरिंग और समीक्षा करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने वन अधिकार से संबंधित रिकार्ड को अपडेट करते हुए खसरा का भूईयां पोर्टल में जानकारी अद्यतन करने कहा। इसके अलावा वन अधिकार मान्यता पत्रक धारियों का किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के कार्य में प्रगति लाने तथा जिले में एफआरए सेल का गठन करने के निर्देश दिए। उन्होंने जनपद सीईओ को निर्देश देते हुए कहा कि एफआरए हितग्राहियों के लिए मनरेगा के समन्वय से आजीविका संसाधनों का विकास किया जाए।
बैठक में कमिश्नर धावड़े ने अंचल के आस्था के प्रमुख केन्द्र देवगुड़ी की व्यवस्था के विकास के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि बस्तर वनांचल में देवगुड़ी एक जीवित परम्परा का हिस्सा रहा है। देवगुड़ी और मातागुड़ी में अंचल के निवासी स्थानीय रीति-रिवाज से पूजा करते है। यहां हर नई फसल का त्यौहार मनाया जाता है। शासन की मंशानुसार देवगुड़ी को सरंक्षित करना है। स्थानीय देवस्थल का निर्धारण करने का कार्य राजस्व अधिकारी का संवैधानिक दायित्व है।
उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग में घोटूल एक सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक प्रशिक्षण का केन्द्र रहा है। इसी प्रकार पुरातात्विक धरोहर स्थलों तथा मृत्यु स्थल पर पत्थर को स्मारक लगाना आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने व देवस्थल में अतिक्रमण को रोकने के लिए इन प्रमुख स्थलों का खसरा कैफियत कालम में जमीन को दर्ज किया जाए। शासन द्वारा देवगुड़ी के संरक्षण-संवर्धन हेतु 5 लाख की राशि दी जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा देवगुड़ी के लिए अन्य मदों की राशि का कन्वर्जेश के तहत अन्य विकास कार्य किया जाना चाहिए। श्री धावड़े ने दन्तेवाड़ा जिले के गामावाड़ा में देवगुड़ी के संरक्षण हेतु किए गए कार्य की सराहना किए।
समीक्षा बैठक में सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र की समीक्षा की गई तथा इसके क्रियान्वयन में हो रही समस्याओं के संबंध में एसडीएम तथा जिला शिक्षा अधिकारी से चर्चा किया गया। धावड़े ने कहा कि शासन के प्रावधान के अनुसार सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में 2013 से सरलीकरण किया गया है। उसी के आधार प्रमाण पत्र जारी किया जाए। किसी भी व्यक्ति को उसके संवैधानिक अधिकार से वंचित नहीं किया जाए। बेवजह दस्तावेज रिकार्ड के लिए परेशान नहीं किया जाए। जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी के प्रस्तुतकार को सभी नियम कानून की जानकारी होना चाहिए। अभियान चलाकर सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र कार्य को किया जाए। वापिस आवेदन को फालोअप लेकर निराकृत किया जाए।
इसके अलावा राजस्व न्यायालय प्रकरण, नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा, शासकीय भूमि का आबंटन, अतिक्रमण एवं व्यावस्थापन रिकार्ड रूम को व्यवस्थित सीलिंग एक्ट का सतत कार्यवाही जैसे विषयों पर अपर कलेक्टर अरविंद एक्का,  एसपी वैध ने प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर कांकेर जिला प्रशासन द्वारा राजस्व प्रकरणों के निराकरण तथा योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन की सराहना की गई। इस अवसर पर सातों जिला के अनुविभागीय दण्डाधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, जिला शिक्षा अधिकारी, वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी और जनपद पंचायत के सीईओ उपस्थित थे।

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