प्रदेश की आत्म-निर्भरता के लिए निवेश अहम : मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुम्बई में “इन्वेस्टमेंट अपॉर्चुनिटीज़ इन मध्यप्रदेश” कार्यक्रम में निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं मध्यप्रदेश की 8.5 करोड़ जनता की ओर से निवेश के लिए आमंत्रित करने आया हूँ। मध्यप्रदेश में सभी उद्योगों में अपार संभावनाएँ हैं। टेक्सटाईल, खाद्य प्र-संस्करण, फार्मास्युटिकल सेक्टर सहित सभी क्षेत्रों में निवेशकों के लिए मध्यप्रदेश आकर्षण का केन्द्र है। जनवरी 2023 में इन्दौर म.प्र. में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश प्रोत्साहन और उद्योगपतियों को आमंत्रित करने के लिए मुम्बई में होटन ताज प्रेसीडेन्ट में यह कार्यक्रम किया गया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि म.प्र. में सिंगल विन्डो सिस्टम से उद्योग स्थापना संबंधी प्रक्रियाओं को सुगम और समय-सीमा में पूर्ण करना संभव हो रहा है। पर्यटन की दृष्टि से भी मध्यप्रदेश, देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है। भारत को वर्ष 2026 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने के संकल्प को पूर्ण करने के लिए मध्यप्रदेश निवेश प्रोत्साहन के लिये प्रतिबद्ध है। प्रदेश में एक लाख 22 हजार एकड़ का लैंड बैंक, पर्याप्त पानी, बिजली, रोड नेटवर्क, दक्ष मानव संसाधन और शांतिपूर्ण वातावरण उपलब्ध है। यहाँ 11 से 12 क्लाईमेटिक जोन हैं। यहाँ कोई भी बिजनेस किया जा सकता है। मुख्यमंत्री चौहान ने इंदौर की इन्फोबीन्स आईटी कंपनी को घंटी बजा कर बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) में सूचीबद्ध कराया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इंदौर में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के दो दिन प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे। समिट में निवेश का नया इतिहास लिखा जायेगा। प्रवासी भारतीय दिवस एवं खेलो इंडिया कार्यक्रम में भी आप सभी का हार्दिक स्वागत है। 

मुख्यमंत्री चौहान कहा कि ई-व्हीकल भविष्य की आवश्यकता है। प्रदेश में ई-व्हीकल कंपनियों के लिए पार्क बनाने का निर्णय लिया गया है। हमने मध्यप्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया है। प्रदेश में दो एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है। चंबल के बीहड़ को जोड़ते हुए अटल एक्सप्रेस-वे और अमरकंटक से सीधे गुजरात की सीमा तक नर्मदा एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है, जिसके दोनों तरफ इंडस्ट्रियल पार्क बनाये जायेंगे। इंदौर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश में सिंचित क्षेत्र 7.5 लाख हेक्टेयर था, जिसे बढ़ा कर हमने 45 लाख हेक्टेयर कर दिया है। आने वाले 3 वर्षों में सिंचित क्षेत्र 65 लाख हेक्टेयर होगा। यहाँ पिछले 15 वर्षों में प्रति व्यक्ति आय 30 हजार से बढ़ कर एक लाख 37 हजार रूपये हुई है। यहाँ बेरोजगारी की दर देश की सबसे कम 0.8 प्रतिशत है।

मध्यप्रदेश पॉवर सरप्लस स्टेट है। यहाँ थर्मल, हाईड्रो, विंड, सोलर एवं रिन्युएबल एनर्जी का उत्पादन किया जा रहा है। हम पानी से भी बिजली बनाते हैं और पानी के ऊपर भी बिजली बनाते हैं। ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट से 600 मेगावॉट बिजली पैदा की जा रही है। लगातार दस सालों तक हमने 18 प्रतिशत से अधिक एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट दर्ज की है, जो चमत्कार है। अधो-संरचना, स्वास्थ्य-शिक्षा, सुशासन तथा अर्थ-व्यवस्था और रोजगार राज्य सरकार के लिए प्राथमिकता के क्षेत्र हैं।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोविड काल के दौरान प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने आपदा को अवसर में बदलने की बात कहते हुए “आत्म-निर्भर भारत” का मंत्र दिया। हमने आत्म-निर्भर भारत के लिए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप बनाया है, जिस पर अमल जारी है। मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास की ओर निरंतर अग्रसर है। पर्यटन की दृष्टि से भी प्रदेश, देश के समृद्ध राज्यों में से एक है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा लोकार्पित “श्री महाकाल लोक” विश्व का ध्यान आकर्षित कर रहा है। तीर्थ-यात्रियों को रेलवे स्टेशन से मंदिर तक पहुँचने के लिए रोप-वे बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहाँ लेबर रिफॉर्म्स किए गए हैं। अब प्रदेश में महिलाएँ भी 3 शिफ्ट में कार्य कर सकती हैं। प्रदेश में इंडस्ट्री फ्रेंडली पॉलिसी है। म.प्र. आईटी के क्षेत्र में भी तेजी से प्रगति कर रहा है। छोटे शहरों के बच्चे भी कमाल कर रहे हैं। प्रदेश में 2 हजार स्टार्टअप्स हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि “आप सभी को प्रवासी भारतीय दिवस तथा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए आमंत्रित करता हूँ। आप समिट का इंतजार न करें, आज और अभी से निवेश की प्रकिया प्रारंभ कर दें।” मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा भी की।

औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राज वर्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि मध्यप्रदेश ऑटो कम्पोनेंट, सर्विस सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग, हॉस्पिटेलिटी, टेक्सटाईल आदि सेक्टर में प्रगति कर रहा है। इंदौर देश का एक मात्र ऐसा शहर है, जहाँ आईआईटी और आईआईएम दोनों है। मध्यप्रदेश का गेहूँ, चावल, लहसुन, प्याज, मक्का, सोयाबीन, डेयरी उत्पाद सहित कई कृषि उत्पादों का मिडिल ईस्ट एवं यूएई में निर्यात किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री देश के सर्वाधिक अनुभवी मुख्यमंत्री हैं, जो प्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने के लिए सतत् प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कोविड के दौरान ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए 24 घंटे काम किया। साथ ही भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी। मध्यप्रदेश सेस्मिक फ्री जोन है, यहाँ निवेश हर तरह से लाभकारी है।

प्रमुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन श्री संजय शुक्ला ने प्रदेश में निवेश के लिये उपलब्ध सुविधाओं एवं नीतियों संबंधी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार का कमिटमेंट, शासन-प्रशासन तक आसान पहुँच, स्किल्ड एवं सेमी स्किल्ड मेनपॉवर की उपलब्धता आदि के कारण मध्यप्रदेश में निवेश लाभकारी है। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव मनीष सिंह एवं एमपीआईडीसी के एमडी मनीष सिंह भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में निवेश के सुअवसरों एवं मध्यप्रदेश की समृद्ध, सामाजिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक, औद्योगिक, पर्यटन विरासत एवं आधारभूत संरचना को दर्शाती हुई लघु फिल्म भी दिखायी गई।

मध्यप्रदेश में पूर्व में निवेश कर चुके उद्योगपतियों ने निवेश के लिए सकारात्मक वातावरण एवं सरल औद्योगिक नीति आदि से संबंधित अपने अनुभव साझा कर उपस्थित समूह को निवेश के लिए आमंत्रित किया। कार्यक्रम में साउथ कोरिया, सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैण्ड, नीदरलैण्ड एवं बांग्लादेश के कॉन्सुलेट जरनल एवं जापान, कनाडा और ताइवान के प्रतिनिधि एवं महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा के एम.डी. तथा सीईओ डॉ. अनीश शाह, हिन्दुस्तान यूनिलिवर के सीईओ संजीव मेहता तथा रिलायंस इण्डस्ट्रीज के डायरेक्टर अनंत अंबानी, यू.एस. फार्मा के सीएमडी तपन संघवी, केमेरिक्स लाईफ साइंसेज के डायरेक्टर ए.के. मिश्रा, एनक्यूब ऐथिकल फार्मा के एम.डी. मेहुल शाह, ग्यूफिक बायोसाइंसेज के सीएमडी प्रणव चौकसी और पीरामल ग्रुप के वाईस चेयरपर्सन डॉ. स्वाति पीरामल सहित अन्य विख्यात उद्योगपतियों ने सहभागिता की।

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