नव निर्माण की ओर एक नई सुबह

    नव निर्माण की ओर एक नई सुबह

    नई सुबह के साथ रात का अंधकार विदा हो रहा है। अपना गुजरा हुआ कल अभी अधिक दूर नहीं गया है, उसी सिफर से एक बार फिर आरंभ करें, नाम, रंग, जाति, धर्म—जो भी बांधते हैं, उन सीमाओं को तोड़कर नई तकदीर रचें। नव प्रभाती की गुनगुनाहट के संग, जब उत्तरी धरा पर पहली किरण मुस्कुराएगी, उसी के नाम लिखेंगे एक नई शुरुआत नव निर्माण, नव उत्कर्ष।

    भोर से ही सुनाई दे रही है आहट नया पर्व, नई उम्मीदें जगाने आया है। कहीं पक्षियों की चहचहाहट, कहीं नदियों की कलकल धारा, तालाबों का संगीत, पेड़ों का झूमना, सब मिलकर गा रहे हैं नव वर्ष का स्वागत गान।

    2024 हमें याद रहेगा उसकी खट्टी-मीठी यादों के साथ, जहां प्राकृतिक आपदाओं ने दर्द दिए, लेकिन श्रीराम के धाम अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को श्रीरामलला मंदिर का लोकार्पण, वंदे भारत ट्रेन का शुभारंभ और विकास की नई कहानियां भी गढ़ी गईं।  हम उन्हें भी याद करेंगे, जो इस वर्ष हमें छोड़कर चले गए उनके योगदान और स्मृतियों को नमन।

    छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान की सरकारों ने एक वर्ष पूरा कर लिया है। इस अवधि में तीनों राज्यों ने अपनी-अपनी प्राथमिकताओं और नीतियों के तहत कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं और नव निर्माण की दिशा में उल्लेखनीय कदम उठाए।

    छत्तीसगढ़ सरकार ने सतत विकास के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित किया और शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, और बुनियादी ढांचे में सुधार के कई कदम उठाए। प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, और स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन ने राज्य को एक नई दिशा दी। नक्सलवाद की समस्या को समाप्त करने और बस्तर में शांति स्थापित करने की दिशा में राज्य ने कई सकारात्मक परिणाम हासिल किए।

    नव प्रभात की ओर
    रात का अंधकार अब विदा होने को है,
    बीता कल भी ज्यादा दूर नहीं गया है।
    उसी सिफर से चलो फिर शुरू करें,
    नाम, रंग, जाति, धर्म की दीवारें गिराएँ।

    बदलेंगी तकदीर हर उस चेहरे की,
    जो समय के साथ संघर्ष कर रहे हैं।
    उनके सपनों में फिर उजाला होगा,
    जो अंधेरों से जूझकर आगे बढ़ रहे हैं।

    हर मेहनत की कीमत अदा होगी,
    हर आह में छुपी दुआ कबूल होगी।
    ये धरा गवाह बनेगी उस पल की,
    जब जीत संघर्ष के कदम चूमेगी।

    हर बंजर धरती पर हरियाली छाएगी,
    हर टूटे दिल में उम्मीद मुस्कुराएगी।
    बदलाव के इस जश्न में हर ओर,।

    हर सुबह होगी एक नई शुरुआत,
    हर ओर होगा नव निर्माण का आभास।
    उत्तरी धरा पर लिखेंगे नया इतिहास,
    जीवन में होगा फिर सच्चा उल्लास।

    जन सुराज के सभी पाठकों एवं जन-जन को समर्पित है। आओ, 2024 को अलविदा कहें।
    इन यादों को साथ लेकर, आने वाले 2025 का दिल खोलकर स्वागत करें। यह नया वर्ष हमारे जीवन में
    नव ऊर्जा, नव उत्साह और
    नव अवसर लेकर आए.. नववर्ष की शुभकामनाएँ…

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here