अच्छे चिकित्सक बनने के साथ, अच्छा नागरिक बनना भी जरूरी – मंत्री सारंग

भोपाल,

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने गाँधी मेडिकल कॉलेज में फाउंडेशन कोर्स चिंतन कार्यशाला का शुभारंभ कर कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा मेडिकल छात्रों के लिए निरंतर नवाचार किये जा रहे हैं। फाउंडेशन कोर्स के माध्यम से छात्रों के व्यक्तित्व विकास के साथ ही उनमें नैतिक मूल्यों का भी विकास किया जायेगा।

मंत्री सारंग ने कहा कि फाउंडेशन कोर्स से मध्यप्रदेश के सभी शासकीय एवं निजी मेडिकल कॉलेजों से शिक्षा प्राप्त करने वाले डॉक्टर्स को जिम्मेदार नागरिक बनाने का प्रयास किया जायेगा। देश की आज़ादी के बाद आधारभूत संरचनाओं के निर्माण पर काम हुआ, परंतु नागरिकों के उत्तरदायित्व पर विचार नहीं किया गया। यह कार्यशाला इसमें सहायक सिद्ध होगी। सारंग ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने प्रोफेशन की जिम्मेदारी के साथ समाज के प्रति भी उतना ही उत्तरदायी होना चाहिये।

मंत्री सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य होगा, जहाँ चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई हिन्दी में शुरू की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह सपना जल्द साकार होगा। इसी तरह चिकित्सा शिक्षा के कई क्षेत्रों में मध्यप्रदेश नवाचार करने जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा वर्ष 2019 फाउंडेशन कोर्स फॉर अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन प्रोग्राम में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने निर्धारित मॉड्यूल्स में से ‘ओरिएंटेशन मॉड्यूल एवं प्रोफेशनल डेवलपमेंट एंड एथिक्स’ में चिकित्सा छात्रों के सर्वांगीण बौद्धिक एवं व्यक्तित्व विकास के लिये फाउंडेशन कोर्स में अनेक विषय शामिल किये हैं। इनमें मूल्य आधारित चिकित्सा शिक्षा एवं सेवा, नैतिक शिक्षा और सामाजिक दायित्व के विषय, देश के विचारकों के सिद्धांत तथा देश की ऐतिहासिक धरोहर के विभिन्न विषयों को शामिल करने का निर्णय लिया गया।

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा निशांत वरवडे, डीन गाँधी मेडिकल कॉलेज डॉ. अरविन्द राय सहित अन्य वक्ता उपस्थित थे।

इन वक्ताओं ने रखे विचार

कार्यशाला में डॉ. मनोहर भंडारी ने व्यक्ति और व्यक्तित्व का विकास एवं कॉम्प्लीमेंट्री मेडिसिन, डॉ. अमिताभ वर्मा ने वैदिक फुटप्रिंट इन मॉडर्न मेडिसिन, डॉ. शशि ठाकुर ने गर्भ संस्कार, डॉ. निशांत खरे ने डॉ. के.बी. हेडगेवार पं. दीनदयाल उपाध्याय, स्वामी विवेकानंद, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के विचारों से चिकित्सक के सेवा आदर्श निर्धारण, डॉ. अद्वेत प्रकाश ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिशन और विजन तथा डॉ. दिनेश कर्मा ने योग एवं ध्यान का जीवन शैली में महत्व पर वक्तव्य दिया।

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