अंकुर पौध-रोपण महाभियान माह अक्टूबर और जनवरी में भी होगा

भोपाल 

पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग की अध्यक्षता में विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक में बताया गया कि अंकुर कार्यक्रम में आगामी अक्टूबर और जनवरी में पौध-रोपण महाभियान प्रस्तावित है। प्रदेश में अब तक 15 लाख 70 हजार से अधिक नागरिकों द्वारा लगातार चल रहे अंकुर कार्यक्रम में पंजीयन करा कर 36 लाख से अधिक पौध-रोपण के प्रथम फोटो वायुदूत एप पर अपलोड किये जा चुके है। प्रथम पौध-रोपण महाभियान (1 से 5 मार्च 2022) में प्रदेश में 8 लाख 97 हजार 590 पौधों का रोपण और द्वितीय महाभियान (28 जुलाई से 15 अगस्त तक) प्रदेश में कुल 17 लाख 28 हजार से अधिक पौध-रोपण हुए हैं। विधायक रमेश मेंदोला, प्रमुख सचिव पर्यावरण अनिरूद्ध मुखर्जी, कार्यपालन निदेशक एप्को श्रीमन शुक्ला, सदस्य सचिव मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड  ए.ए. मिश्रा और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

मंत्री डंग ने बताया कि प्रदेश में अत्याधुनिक प्रणाली से पर्यावरण की सतत निगरानी की जा रही है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में प्रदेश के 5 स्थान पर सतत वायु गुणवत्ता मापन उपकरण लगे है। इनमें से 2-2 भोपाल और ग्वालियर और एक उपकरण सागर में कार्यरत है। साथ ही सागर में 5, उज्जैन और देवास में 3-3 और इंदौर में एक स्थान पर एलइडी डिस्प्ले बोर्ड स्थापित है। डिस्प्ले बोर्ड जन-साधारण को पर्यावरणीय सूचना, जल एवं वायु गुणवत्ता की जानकारी उपलब्ध कराते है। प्रदेश के अन्य ऐसे स्थानों जहाँ मापन की आवश्यकता है, पर भी विस्तार किया जाएगा।

भोपाल में लगे शोर मापन यंत्र

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रीयल टाइम एम्बीएंट नॉइज लेवल मॉनिटरिंग योजना के प्रथम चरण में भोपाल के 4 स्थान हमीदिया रोड़, बैरागढ़, गोविंदपुरा और अरेरा कॉलोनी में सतत परिवेशीय ध्वनि स्तर गुणवत्ता मापन केन्द्र की स्थापना की गई है। साथ ही नर्मदा नदी के 6 स्थान- अमरकंटक, डिंडोरी, जबलपुर, नर्मदापुरम, ओंकारेश्वर और धरमपुरी में एवं क्षिप्रा एवं खान नदियों में 2-2 स्थान पर सतत जल गुणवत्ता उपकरणों की स्थापना कर जल गुणवत्ता पर लगातार निगाह रखी जा रही है।

2 रामसर साइट वाला इंदौर देश का एकमात्र शहर

इंदौर देश का एकमात्र शहर है, जिसमें हाल ही में 2 तालाब सिरपुर और यशवंत सागर को रामसर साइट में शामिल किया गया है। केन्द्र शासन को वेटलैंड हेल्थ कार्ड्स तैयार कर भेजने में भी मध्यप्रदेश, देश में अग्रणी है। प्रदेश के 110 तालाब के हेल्थ कार्ड केन्द्र शासन को भेजे गये हैं।

सीएम राइज स्कूल, राष्ट्रीय जलीय स्त्रोत संरक्षण कार्यक्रम, स्वच्छ गंगा मिशन, राष्ट्रीय हरित कोर योजना, बायोस्फीयर रिजर्व योजना, जलवायु परिवर्तन से संबंधित कार्य, स्मार्ट विलेज और वेटलैंड परियोजना आदि की भी समीक्षा की गई।

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